मातंगी मंत्र: धन-संपदा की प्राप्ति हेतु

मातंगी मंत्र की सिद्धि के लिए मंत्र का पाठ करने से देवी प्रसन्न होती हैं और भक्तों को धन-संपदा का आशीर्वाद देती हैं।

हिंदू धर्म में, मातंगी को धन और समृद्धि की देवी के रूप में पूजा जाता है। उन्हें ब्रह्माजी की पत्नी देवी सरस्वती का एक अवतार माना जाता है। मातंगी की पूजा धन-संपदा, ऐश्वर्य और विद्या प्राप्त करने के लिए की जाती है।

मातंगी को हरे रंग की साड़ी पहने हुए, नीले रंग के कमल पर विराजमान के रूप में दर्शाया जाता है। उनके चार हाथ हैं, जिनमें से एक में वीणा है, दूसरा एक शंख है, तीसरा एक खड्ग है और चौथा वरद मुद्रा में है।



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मातंगी मंत्र

मातंगी मंत्र का पाठ करने से धन-संपदा की प्राप्ति होती है और आर्थिक समस्याओं से मुक्ति मिलती है। मंत्र इस प्रकार है:

ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं मातंग्यै नमः

मंत्र जप विधि

  • शुभ मुहूर्त में स्नान कर शुद्ध वस्त्र धारण करें।
  • पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके बैठें।
  • मातंगी देवी की मूर्ति या चित्र की स्थापना करें।
  • मंत्र की 108 या 1008 बार जप करें।
  • मंत्र जप के दौरान माला का उपयोग कर सकते हैं।
  • मंत्र जप के बाद मातंगी देवी की आरती उतारें और भोग लगाएँ।

मंत्र सिद्धि

मातंगी मंत्र की सिद्धि के लिए निरंतर अभ्यास और भक्ति की आवश्यकता होती है। नियमित रूप से मंत्र का पाठ करने से देवी प्रसन्न होती हैं और भक्तों को धन-संपदा का आशीर्वाद देती हैं।

मंत्र के लाभ

  • धन-संपदा की प्राप्ति
  • आर्थिक समस्याओं से मुक्ति
  • व्यापार में वृद्धि
  • नौकरी में तरक्की
  • विद्या और ज्ञान की प्राप्ति
  • शत्रुओं पर विजय
  • कानूनी मामलों में सफलता
  • रोगों से मुक्ति
  • समग्र समृद्धि और ऐश्वर्य

मंत्र सावधानियाँ

  • मंत्र का पाठ श्रद्धा और भक्ति के साथ करें।
  • मंत्र का पाठ करते समय मांस-मदिरा का सेवन न करें।
  • मंत्र का पाठ एकांत और शांत स्थान पर करें।
  • मंत्र का पाठ करते समय मन को एकाग्र रखें।

मातंगी की पूजा

मातंगी मंत्र के अलावा, धन-संपदा की प्राप्ति के लिए मातंगी देवी की पूजा भी की जा सकती है। मातंगी देवी की पूजा के लिए निम्नलिखित सामग्री की आवश्यकता होती है:

  • मातंगी देवी की मूर्ति या चित्र
  • हरे रंग की साड़ी
  • नीले रंग का कमल
  • वीणा
  • शंख
  • खड्ग
  • पुष्प
  • धूप
  • दीप
  • भोग (मिठाई या फल)

पूजा विधि

  • शुभ मुहूर्त में स्नान कर शुद्ध वस्त्र धारण करें।
  • पूजा के स्थान को साफ करके सजाएँ।
  • मातंगी देवी की मूर्ति या चित्र को स्थापित करें।
  • मातंगी देवी को हरे रंग की साड़ी पहनाएँ।
  • मातंगी देवी को नीले रंग का कमल अर्पित करें।
  • वीणा, शंख और खड्ग मातंगी देवी के चरणों में रखें।
  • मातंगी देवी को पुष्प, धूप और दीप अर्पित करें।
  • मातंगी देवी को भोग लगाएँ।
  • मातंगी देवी की आरती उतारें।
  • मातंगी देवी से धन-संपदा और समृद्धि की प्रार्थना करें।

मातंगी मंत्र और पूजा का नियमित अभ्यास करने से धन-संपदा की प्राप्ति होती है, आर्थिक समस्याओं से मुक्ति मिलती है और समग्र समृद्धि और ऐश्वर्य प्राप्त होता है।

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