ब्राह्मण समाज को जोड़ता परशुराम प्राकट्य दिवस

ब्राह्मण समाज को जोड़ता परशुराम प्राकट्य दिवस, भगवान परशुराम जन्म उत्सव जो 10 मई को है, उस पर नरेन्द्र जी त्रिवेदी का एक विशेष लेख ।

 *नवाचार करवाती* *मां मोढ़ेश्वरी* भगवान विष्णु के छटे अवतार भगवान परशुराम जन्म उत्सव जो 10 मई को संजय गांधी उद्यान में एक पर्व की तरह आयोजित होने वाला है । दिव्यता ,नवीनता और भव्यता से इस दशपुर नगर में कई दशकों से संचालित होता आ रहा इस अनूठे वर्ष 2024 भी होगा । 

मोढ़ समाज अन्य हेतु बना मिसाल 

अवसर महत्वपूर्ण और प्रेरक है। अपने आराध्य भगवान परशुराम जी आरती से प्रारंभ होता आयोजन एक दिन पूर्व 9 मई को वाहन रैली , 10 मई यज्ञ ,महा आरती, संध्या में चल समारोह, सांस्कृतिक कार्यक्रम संग भोजन प्रसादी का आनंद, तिलक लगाकर और अति महत्वपूर्ण शंकराचार्य 1008 ज्ञानानंद जी तीर्थ भानपुरा पीठ की अमृत वाणी का लाभामृत लेने का सुनहरा अवसर जो जीवन को कृतार्थ करेगा।

ऐसे में मोढ़ ब्राह्मण समाज ने नवाचार कर माता मोढ़ेश्वरी के अपार स्नेह की वर्षा से सिंचित यह परिवार यह कुनबा निश्चित रूप से संगठित हो कर समन्वित हो कर पूरे समाज को एक सूत्र में जोड़कर सभी की इस भव्य आयोजन में सहभागिता हो , उपस्थिति का नया आयाम स्थापित कर अन्य हेतु प्रेरणा का कार्य कर मिसाल कायम करने में सफल होता दिख रहा। 

15001 रूपए का अंशदान

आज 6 मई को अध्यक्ष संजीव जी त्रिवेदी,उपाध्यक्ष राजेंद्र जी मोड़ और सचिव मनीष जी तिवारी,रजनीकांत जी शुक्ला,पंडित नरेंद्र कुमार त्रिवेदी,नीलेश व्यास ,प्रमोद भट्ट ने उपस्थित रहकर पारिवारिक समाज के सदस्य और बंधु एकत्रित हुवे और अंशदान 15001 रुपए का अंशदान प्रदान किया । 

भगवान परशुराम जन्म उत्सव जो पर्व की तरह मनाया जायेगा और चल समारोह में परशुराम द्वार रामटेकरी पर समाज जन मातृ शक्ति और बच्चों की भागीदारी संग जीवंत और जीवट उपस्थिति के साथ चल समारोह का भव्य स्वागत कर साहित्यिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम में भी सहभागिता की जाएगी। 

इस अवसर पर ब्राह्मण समाज से सर्व ब्राह्मण समाज अध्यक्ष दिलीप जी शर्मा,चेतन जी जोशी ,महेश जी त्रिवेदी,मोहन लाल जी,रवींद्र जी पांडे और क्षितिज जी पुरोहित एवं पंडित जी उपस्थित रहे और इस नवाचार को सराहा। 

मंदसौर करेगा वोट

मतदान की शपथ जागरूकता अभियान *मंदसौर करेगा वोट* के अंतर्गत मातृ शक्ति भी अपनी बात चल समारोह के बीच साझा कर चौराहों पर सभी को शपथ दिलवा कर ,प्रेरित करेगी। यह कदम सामाजिक रूप से एकता ,समन्वय और समर्पण को प्रदर्शित करता है, जो सराहनीय और प्रेरक है। 

युवाओं से आग्रह

भगवान परशुराम जन्म उत्सव जो वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की अक्षय तृतीया को होता है, धर्म की सहायता करने में माता रेणुका और जमदग्नि ऋषि संतान जो आवेशावतार हैं ।जो ब्रह्मचारी हैं, साथ ही जो चिरंजीवी हैं। 

हम स्वाभिमानी हों ,खुद पर गर्व कर सकें, संगठित रह प्रेरक बनें। हमारे प्रयास ऐसे हों । ब्राह्मणों को अभिमान हो अपने कार्य पर, हमारे बटुक जब मंगलाचरण गाते हैं सुन कर मंत्र मुग्ध हो जाते हैं, उनकी शिक्षा और संस्कार पर अनुशासन, एक स्वर,मां सरस्वती की साधना उपासना में लगी यह पीढ़ी हमारा सीना गर्व से चौड़ा करती है। 

हम स्वाध्यायी बनें, माता पिता को प्रेम करने करने वाले, उनकी आज्ञा को शिरोधार्य कर आगे बढ़ने वाले ,उनके आदेश को सर्वोपरि रखते हैं । हम सभी के आराध्य जो हमारा अभिमान है, इस महापर्व के दिन हमारा नैतिक दायित्व है, हम हमारे बच्चों को साथ ले कर आएं । 

हम हमारे माता पिता, भाई बहिन, मय पत्नी पधारें। यह वो बीज है, जिसको रोपित करना हमारा कर्तव्य है और स्वाभिमानी कल का भविष्य हमारे बच्चे निश्चित रूपेण जीवन को सार्थक और अपने शीर्ष पर पहुंचाकर अपनी मंजिल को प्राप्त करने वाले होंगे, जो समाज को एक सूत्र में बांधकर अनुशासित भी रखेंगे। 

युवा शक्ति से आग्रह अपने जोश जुनून को सही दिशा में रखना, ऐसे आयोजन में अपनी सहभागिता सुनिश्चित करना एक  बेहद सुनहरा अवसर हैं । यह एक नई दिशा देता  हैं और जीवन की चुनौतियों को स्वीकार कर सरल, सहज और सादगी पूर्ण बना अनुशासित रखने वाला होता है । इस आयोजन की भव्यता को दिव्यता प्रदान करें।

हमारी पारिवारिक अपील 

शुभकामना संदेश ,उद्बोधन ,गीत ,भजन ,नारे ,नृत्य,आप प्रदर्शित करें। मातृ शक्ति ,युवा शक्ति आधुनिक तकनीक के साथ आगे आएं अपनी स्वैच्छिक भागीदारी कर समाज में एक नेक अच्छा उदाहरण प्रस्तुत करें। अक्षय तृतीया को किए गए पुण्य चिरस्थायी रहते हैं । पुण्य में कमी नहीं आती एवं पुण्य का प्रभाव बना रहता है, पूजा करने से साहस मिलता है और भय से मुक्ति मिलती है । शस्त्र और शास्त्र दोनों की आवश्यकता है समाज को और दोनों ही उपयोगी है। पराक्रम के कारक, सत्य के धारक भगवान परशुराम हमारे प्रेरक उनके प्राकट्य दिवस पर हम सामूहिक प्रयास को प्राथमिकता देंगे ऐसा संकल्प लें । भगवान परशुराम की जय हो।

लेखक  

पंडित नरेंद्र कुमार रमेश चंद्र जी त्रिवेदी, सीतामऊ, मेडी प्वॉइंट ,मालवा मेडिकल के संचालक ,अध्यक्ष जन भागीदारी समिति लता मंगेशकर शासकीय संगीत, महाविद्यालय और अंचल की कई सामाजिक ,साहित्यिक संस्था से जुड़े हैं एवं  विगत 10 वर्षों से यहीं निवास कर रहे हैं । 

मां की कृपा से द्वार खुलते हैं सांस्कृतिक आयोजन संयोजक पंडित नरेंद्र कुमार त्रिवेदी जो सूत्रधार का कार्य संपादित करेंगे, वह मेडिकल स्टोर संचालक के साथ कुशल प्रस्तोता(एंकर) हैं। सामाजिक कार्यकर्ता,पत्रकार ,मिमिक्री आर्टिस्ट ,अभिनेता ,कवि गायक और मोटिवेशनल स्पीकर हैं। शिक्षा आपने डी फार्म,बी फार्मा , एम फार्मा के साथ बैचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन भी किया है। नगर पालिका गौरव दिवस कार्यक्रम,ओपन माइक साहित्यिक गोष्ठियों का आयोजन, संगीत समारोह, पशुपति मेले के सांस्कृतिक कार्यक्रम , कालिदास समारोह आयोजन लगातार तीन बार कर हैट्रिक कर चुके है। नई प्रतिभा को अवसर देना आपका मूल ध्येय है।

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